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मुख्तार और जेल सुपरिटेंडेंट रोपड़ को रिसीव कराई गई सुप्रीम कोर्ट की नोटिस

गाजीपुर। सुप्रीम कोर्ट की नोटिस लेकर शनिवार को पंजाब के रोपड़ पहुंची गाजीपुर पुलिस की टीम मऊ विधायक मुख्तार अंसारी और जेल सुपरिटेंडेंट को रिसीव करा दी। उसके पहले चंडीगढ़ में पंजाब सरकार के संबंधित सचिव को भी उनके नाम की नोटिस रिसीव कराई गई। मुख्तार अंसारी रोपड़ जेल में निरुद्ध हैं।

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश की विभिन्न अदालतों में मुख्तार अंसारी अपने विरुद्ध चल रहे मामलों में नोटिस भेजे जाने के बाद भी हाजिर नहीं हो रहे हैं। मुख्तार के विरुद्ध गाजीपुर के मुहम्मदाबाद कोतवाली में असलहे के लाइसेंस को लेकर फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज है। उसकी सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट प्रयागराज में चल रही है। उस सिलसिले में वह कोर्ट उन्हें कई बार तलब कर चुकी है लेकिन रोपड़ जेल के अधिकारियों ने उनको पेश नहीं किया। कारण उनकी सेहत का नासाज होना बताया। यहां तक कि उस कोर्ट का प्रोडक्शन वारंट लेकर गाजीपुर पुलिस टीम भी पूरी तैयारी के साथ उनको लाने के लिए रोपड़ गई थी लेकिन रोपड़ जेल के अधिकारियों ने मुख्तार की मेडिकल रिपोर्ट पेश करते हुए उन्हें सौंपने से साफ मना कर दिया था। उसके बाद आजमगढ़ पुलिस अपने यहां की गैंगस्टर कोर्ट का वारंट लेकर रोपड़ गई थी लेकिन वह भी खाली हाथ लौटी थी।

प्रदेश की अदालतों से बार-बार आदेशों के बावजूद मुख्तार को नहीं पेश किए जाने पर योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट गई। जहां योगी सरकार की वकील गरिमा प्रसाद ने मुख्तार के अलावा रोपड़ जेल के सुपरिटेंडेंट और पंजाब शासन को पक्षकार बनाते हुए कहा कि मुख्तार के पेश न होने के कारण उनके विरुद्ध प्रदेश की विभिन्न अदालतों में चल रहे मामलों का निस्तारण नहीं हो रहा है। मुख्तार के प्रभाव में आकर रोपड़ जेल प्रशासन और पंजाब शासन उनकी बीमारी का झूठा बहाना बना रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार की वकील गरिमा प्रसाद के कथन को सुनने के बाद मुख्तार, रोपड़ जेल सुपरिटेंडेंट और पंजाब शासन के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया और इसके लिए सुनवाई की अगली तारीख 11 जनवरी तय कर दी।

हालांकि इसी बीच कुछ खबरिया चैनल यह खबर चला दिए कि मुख्तार को लाने के लिए गाजीपुर पुलिस की टीम पंजाब के रोपड़ जेल गई है जबकि गाजीपुर के दो सब इंस्पेक्टर श्रीराम यादव व अजय यादव सुप्रीम कोर्ट की वह नोटिस दिल्ली में वकील गरिमा प्रसाद से प्राप्त कर उसे पंजाब पहुंच कर सचिव, रोपड़ जेल सुपरिटेंडेंट तथा वहां निरुद्ध मुख्तार अंसारी को रिसीव कराने के लिए गाजीपुर से रवाना हुए थे। शायद उन खबरिया चैनलों को यह पता नहीं कि मुख्तार जैसी शख्सियत को लाने-पहुंचाने के लिए महज दो सब इंस्पेक्टर नहीं बल्कि ऑर्म्स पुलिस फोर्स की एक टुकड़ी लगाई जाती है।

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