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मुख्तार अंसारी के गुर्गे महेंद्र जायसवाल से जुड़े गोंडा देहाती के दो मकान कुर्क

गाजीपुर। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी और उनसे जुड़े लोगों को प्रशासन कतई रहम करने के मूड में नहीं है। इसी क्रम में गुरुवार की शाम मुख्तार के गुर्गे महेंद्र जायसवाल से जुड़े शहर से सटे गोंडा देहाती स्थित दो मकान कुर्क कर लिए गए। बाजार के हिसाब सेे दोनों की कीमत करीब 45 लाख रुपये आंंकी गई है।

नायब तहसीलदार और सीओ सीटी ओजस्वी चावला की अगुवाई में सरकारी अमला गोंडा देहाती पहुंचा और बकायदा बैंड बजवा कर दोनों मकानों को कुर्क करने का ऐलान करवाया। उसके बाद दोनों मकानों के मुख्य दरवाजे सील कर कुर्की की नोटिस चस्पा कर दी गई। मौके पर तमाशबीनों की खासी भीड़ जुट गई थी।

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एक मकान का भूखंड महेंद्र जायसवाल की बहन रानी जायसवाल की पुत्रवधू पूजा देवी पत्नी पवन और दूसरे का भूखंड महेंद्र जायसवाल की सरहज किरन जायसवाल पत्नी नंदलाल के नाम पर है। उन्हें वह भूखंड महेंद्र जायसवाल की मां सुदामा देवी ने बैनामा किया था। दोनों मकानों को गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क करने का आदेश डीएम एमपी सिंह ने बीते 23 अक्टूबर को दिया था। उसके बाद से ही दोनों मकानों में हरने वाले सारे सामान समेट कर कहीं अन्यत्र चले गए थे।

मुख्तार का भरोसेमंद चालक रहा है महेंद्र जायसवाल

गाजीपुर। प्रशासन की नजर में महेंद्र जायसवाल जो हो लेकिन अंडरवर्ल्ड यही जानता है कि वह कभी मुख्तार अंसारी का भरोसेमंद ड्राइवर रहा है और इतना कुशल कि कई विपरीत मौकों पर मुख्तार को सुरक्षित निकाला है। बताते हैं कि वह लइकइयां से ही मनबढ़ किस्म का रहा है और उसी काल में उसने शहर के टेढ़ी बाजार निवासी विजय मिश्र पर जानलेवा हमला किया था। महेंद्र जायसवाल के खौफ से विजय मिश्र गाजीपुर शहर छोड़ दिए थे। महेंद्र जायसवाल और विजय मिश्र को करीब से जानने वाले तो यहां तक कहते हैं कि अगर महेंद्र वह हमला नहीं किया होता तो शायद विजय मिश्र शहर नहीं छोड़े होते और न उनको विधायक व प्रदेश सरकार में मंत्री बनने का मौका मिला होता। हालांकि विजय मिश्र के लोग उस घटना को कितना सुखद संयोग मानते होंगे यह तो नहीं मालूम लेकिन अंडरवर्ल्ड के मुताबिक महेंद्र जायसवाल का मुख्तार अंसारी से गहरा योग 1994 में बना। तब मुख्तार गाजीपुर जेल में निरुद्ध थे। मुख्तार से जुड़ने के बाद तो वह और हथछुट्टा हो गया। शहर के कई मानिंद लोगों को उसने सरेराह अपमानित किया। शहर के एक सिनेमा हॉल के मालिक और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह के करीबी न उनके स्वजातीय ठेकेदार तथा मुस्लिम वर्ग के ठेकेदार की उसके हाथों हुई पिटाई की घटना की लोग आज भी चर्चा करते रहते हैं। महेंद्र जायसवाल शहर के नक्खास (खुदाईपुरा) मुहल्ले का रहने वाला है लेकिन इन दिनों वह लखनऊ में रहता है।

 

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