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मिलावट के मास्टरमाइंड’ अग्रवाल पर DM की गाज, ₹9 लाख से अधिक का माल सीज़; सीजीएम कोर्ट में पहले से चल रहा है लड्डू का मुकदमा

गाज़ीपुर।   गाजीपुर की पहचान और मिठाई  का सबसे बड़ा नाम, अग्रवाल स्वीट्स, आज काला बाज़ारी और मिलावटखोरी का पर्याय बन चुका है। इस प्रतिष्ठित दुकान के मालिक रिंकू अग्रवाल ने शुद्धता के नाम पर वर्षों तक जनता के स्वास्थ्य को ज़हर बेचा। 15 अक्टूबर 2025 को जिलाधिकारी गाज़ीपुर के सख्त आदेश पर, खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने जब रिंकू अग्रवाल के संचालित अग्रवाल स्वीट्स के मार्कीनगंज स्थित विनिर्माण कारखाने पर छापा मारा, तो वहाँ नकली घी का एक विशाल जखीरा मिला।

अग्रवाल स्वीटस के कारखाने से 1439 किलो ‘नकली घी' सीज़

​खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को कारखाने के अंदर देशी घी के दर्जनों कनस्तर मिले, जिन पर ‘प्रेम जी' ब्रांड का लेबल लगा था। जाँच में पता चला कि यह घी नकली और स्वास्थ्य मानकों से बेहद नीचे था। अधिकारियों ने तत्काल रिंकू अग्रवाल के मेसर्स ए.एस. अग्रवाल इंटरप्राइजेज प्रा.लि. से 1439 किलोग्राम नकली देशी घी को ज़ब्त कर सीज़ कर दिया। इस ज़ब्त माल की अनुमानित कीमत ₹9,35,350 है। यह कार्रवाई सीधे तौर पर रिंकू अग्रवाल के कारोबार में व्याप्त बड़े पैमाने की मिलावट को दर्शाती है।

डीएम की सीधी कार्रवाई: अग्रवाल स्वीटस के घी, खोया, छेना के नमूने लैब भेजे गए

​अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) दिनेश कुमार ने स्पष्ट किया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर यह बड़ी कार्रवाई की गई है। रिंकू अग्रवाल के प्रतिष्ठान से घी, खोया और छेना के नमूने लिए गए हैं, जिन्हें खाद्य विश्लेषक प्रयोगशाला, उत्तर प्रदेश भेजा जा रहा है।

“रिपोर्ट आने के बाद,  अग्रवाल के ख़िलाफ़ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत कड़ी विधिक कार्रवाई की जाएगी। राजनीतिक पहुँच और रसूख के बल पर चलने वाले मिलावटखोरों के लिए योगी सरकार के राज में कोई जगह नहीं है,” — एडीएम ने सख्ती से चेतावनी दी।

 

अग्रवाल स्वीटस : ‘मिलावट के आदी' होने का पुराना रिकॉर्ड

​मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुमन कुमार मिश्र ने रिंकू अग्रवाल की प्रतिष्ठान के पुराने इतिहास का खुलासा किया, जिससे यह साफ़ होता है कि यह दुकान “मिलावट के आदी” बन चुकी है।

“पहले भी अग्रवाल स्वीट्स के उत्पादों में मिलावट पाई गई है। इनके बूँदी के लड्डू में भी मानक से अधिक अवैध रंग पाया गया था। वह सैंपल सेंट्रल लैब में फेल हुआ और उस पर सीजीएम कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। यह सिद्ध करता है कि रिंकू अग्रवाल का व्यापार मिलावट की नींव पर खड़ा है।”

 

जनता का विश्वास टूटा: गाज़ीपुर के ‘चर्चित सेठ' पर पहली बार गाज

 अग्रवाल, जिसकी राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में वर्षों से पकड़ मानी जाती थी, पर हुई यह कार्रवाई गाज़ीपुर में पहली बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई है। यह मामला सिर्फ़ घी का नहीं है, बल्कि  अग्रवाल द्वारा वर्षों से गाज़ीपुर की जनता के विश्वास की हत्या है। इस कार्रवाई ने साबित कर दिया है कि योगी सरकार के सख्त रुख के सामने अब अग्रवाल जैसे ‘चर्चित सेठ' का रसूख भी बड़ा नहीं है।

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