महाश्मशान में भी गूंजा महात्मा गांधी का जयकारा

गाजीपुर। महात्मा गांधी जयंती की धूम शुक्रवार को महाश्मशान मां गंगा तट सुल्तानपुर पर भी रही। गंगा पुत्रों डोम समुदाय की मौजूदगी में दया शंकर प्रधान ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा पूर्व ब्लाक प्रमुख मित्रसेन प्रधान अंत्येष्टि स्थल पर फहराया।
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अंत्येष्टि स्थल निर्माण के लिए दया शंकर प्रधान ने ही भूमि दान किया है। झंडोत्तोलन के बाद भारत माता के साथ महात्मा गाँधी, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जयकारे लगे और राष्ट्र गान हुआ। इससे पहले पूरे अंत्येष्टि स्थल पर सभी ने सफाई अभियान चलाया।
इस मौके पर प्रधान प्रतिनिधि डॉ. अविनाश प्रधान ने कहा कि आजादी के जिस खुली हवा में हम सांस ले रहे हैं और अधिकारों का उपयोग कर रहे हैं उसे उपलब्ध कराने में प्रमुख भूमिका महात्मा गांधी की रही है लेकिन अपने जीवन दर्शन से उन्होंने हमें यह संदेश भी दिया कि हमें नशा से दूर रहना है। हमारी गरीबी के प्रमुख कारणों में एक नशा का सेवन है। अपने बच्चों की रोटी और कपड़ा, शिक्षा व स्वास्थ्य छीन कर नशा करते हैं। डोम समुदाय में यह वृत्ति अधिक है। इसलिए उसे नशा से धीरे धीरे दूर होना होगा ।तभी गरीबी भी दूर होगी और विकास होगा। उन्होंने कहा कि आप लोगों का पूरा समुदाय पूरे दिन गंगा के साथ रहता है। मां गंगा की स्वच्छता के लिए केंद्र व राज्य सरकारें इतना प्रयास कर रही हैं। हमें भी इसमें योगदान करना चाहिए। मां गंगा से रोज़ी रोटी मिलती है। अपनी ताकत भर इनके स्वच्छता और प्रदूषण मुक्त करने का संकल्प लेना होगा ।
समारोह में डोमराज आशिक ने कहा कि यहां प्रतिदिन हजारों लोग अंतिम संस्कार करने आते हैं। लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन डीएम के बालाजी व डीपीआरओ लाल जी दूबे ने अंत्येष्टि स्थल स्वीकृत किया था। दया शंकर प्रधान ने भूमि दान कर इसे मूर्त रूप दिया लेकिन अब यहां रास्ता व बिजली न होने के कारण लोगों को तकलीफ़ों का सामना करना पड़ता है। क्षेत्रीय सांसद, विधायक, विधान परिषद् सदस्य, जिलाधिकारी को रास्ते का निर्माण जनहित में तत्काल कराना चाहिए। बिजली भी यहां तक पहुंच जाय। इसका प्रयास इनकी तरफ से होना चाहिए।

इस मौके पर बद्री नारायण प्रधान, मुन्ना यादव, बिरजू डोम, बच्चू, टुन्नू, गुड्डू, ओमप्रकाश, डब्लू, मुकेश, पवन, सोनू, बबलू, सुनील, पिंटू, दिनेश डोम, वीरेन्द्र, रामा पांडेय, मोहन लाल पांडेय, हीरा यादव, मंहगू यादव, रामकृत यादव, बैरागी, सहंगू यादव आदि मौजूद थे। संचालन सुनील प्रधान ने किया।