भाजपा विधायक कृष्णानंद राय को दी गई श्रद्धांजलि

गाजीपुर। सब कुछ वही था। तारीख वही। कार्यक्रम वही। स्थल वही। जो आमंत्रित थे, वह आए। जिन्हें खुद आना था, वह भी आए मगर कार्यक्रम की परंपरा में कोविड-19 की काली छाया आड़े आई।
रविवार को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय के लिए श्रद्धाजंलि कार्यक्रम था। कार्यक्रम स्थल मुहम्मदाबाद का शहीद पार्क था। आमंत्रितजनों में प्रभारी मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल, सांसद विरेंद्र सिंह मस्त, विधायक सुशील सिंह आदि पहुंचे थे। हालांकि 15 साल में यह पहला मौका था जब मनोज सिन्हा नहीं थे। संभवतः जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल पद की व्यस्ता के कारण वह नामौजूद थे लेकिन उनके पुत्र अभिनव सिन्हा जरूर उपस्थित थे। बल्कि अभिनव सिन्हा के लिए भी यह पहला अवसर था कि वह किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में उपस्थित थे।
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कोडिव-19 के प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया गया। फिजिकल डिस्टेंसिंग थी। सीएचसी की ओर से लगे स्टाल पर सैनिटाइजर था। मास्क था। मंच, माइक भी नहीं था। लिहाजा शब्दांजलि कार्यक्रम का हिस्सा नहीं थी। अलबत्ता, पंडाल में कृष्णानंद राय और उनके साथ दिवंगत अन्य छह लोगों की फूलमालाओं से सुसज्जित फोटो लगी थी। जिन पर उपस्थितजन पुष्पांजलि अर्पित कर निकलते जा रहे थे। विशिष्टजनों की अगुवानी खुद कृष्णानंद राय की विधायक पत्नी अलका राय, भतीजा आनंद राय मुन्ना, पुत्र पीयूष राय कर रहे थे। पुष्पांजलि अर्पित करने वाले अन्य लोगों में डीसीएफ चेयरमैन विजयशंकर राय, गाजीपुर नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन विनोद अग्रवाल, कृष्णबिहारी राय, नरेंद्रनाथ सिंह, सुनील सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह, महामंत्री ओमप्रकाश राय, प्रवीण सिंह, कृपाशंकर राय, राजेश राय बागी, जिलाध्यक्ष विजय शंकर राय, विरेन्द्र राय, प्रमोद राय, दिनेश वर्मा, आनंद राय मुन्ना, पियूष राय, नथुनी सिंह, श्यामराज तिवारी, अनिरुद्ध राय, सतीशचंद्र राय, शशांक राय, क्षेत्राधिकारी विनय गौतम, बीडीओ सुशील सिंह, कृष्णानंद राय, रामजी गिरी, तेजबहादुर यादव, ओमप्रकाश गिरी, योगेश सिंह, पत्रकार आनंदी त्रिपाठी आदि भी थे।
उसके पूर्व भांवरकोल क्षेत्र स्थित बसनिया चट्टी पर कृष्णानंद राय के शहीद स्तंभ स्थल पर भी पुष्पांजलि अर्पित की गई। वहां भी विधायक अलका राय पहुंची थी। मालूम हो कि उसी स्थल पर 29 नवंबर 2005 को विधायक कृष्णनंद राय, मुहम्मदाबाद के पूर्व ब्लाक प्रमुख श्यामा शंकर राय, रमेश नारायण राय, अखिलेश राय, शेषनाथ पटेल, मुन्ना यादव व सरकारी गनर निर्भय नारायण उपाध्याय की स्वचालित हथियारों से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।