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भाजपाः कासिमाबाद टीम को माफ करने मूड में नहीं जिला नेतृत्व

गाजीपुर। भाजपा का जिला नेतृत्व अपनी कासिमाबाद की टीम को माफ करने के मूड में कतई नहीं लग रहा है। जहां टीम से जुड़े जिम्मेदार पदाधिकारियों से जवाब तलब हुआ है, वहीं प्रभारी मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने टीम को पहचानने से इन्कार कर दिया। इसी बीच पूरे बवाल की जड़ रहे एसएचओ कासिमाबाद बलवान सिंह को उससे भी बेहतर थाना मरदह की जिम्मेदारी मिलना भी टीम के लिए जिला नेतृत्व की तल्खी से ही जोड़ा जा रहा है।

खबर है कि जिला नेतृत्व ने कासिमाबाद थाने पर एसएचओ बलवान को हटाने की मांग को लेकर मंडल इकाई से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं के सात घंटे तक चले धरने को अनुशासनहीनता माना है। इसके लिए मंडल अध्यक्ष को नोटिस भेज कर जवाब मांगा गया है। इस नोटिस को लेकर कासिमाबाद के कार्यकर्ताओं में बेचैनी की स्थिति है।

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जिले के दौरे पर आए प्रभारी मंत्री शुक्रवार को जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र के ही टोडरपुर गांव में पहुंचे थे। मीडिया कर्मियों के सवाल पर उन्होंने साफ कहा कि कासिमाबाद थाने पर धरना देने वाले लोग कदापि भाजपा कार्यकर्ता नहीं थे जबकि सर्वविदीत है कि धरना में शामिल लोग खाटी भाजपाआई थे। बल्कि धरना की अगुवाई करने वाले मंडल इकाई के कई पदाधिकारी थे। मीडिया में धरना की आई खबरों की फोटो आज भी बतौर सबूत हैं।

एसएचओ कासिमाबाद बलवान सिंह के विरुद्ध मोर्चा खोलने वाले भाजपा कार्यकर्ता न सिर्फ हटाने पर अड़े थे बल्कि उनकी चली होती तो वह एकदम महत्वहीन कुर्सी पर होते मगर शनिवार की रात पुलिस कप्तान की ओर से थानेदारों के तबादले की जारी सूची के मुताबिक बलवान सिंह को मरदह थाने का प्रभार दिया गया है। पुलिस महकमे को करीब से जानने वालों की मानी जाए तो कासिमाबाद से कहीं ज्यादा बेहतर थाना मरदह है। प्रदेश की पूर्ववर्ती सपा सरकार के वक्त मरदह मलाईदार थानों में गिना जाता था। कासिमाबाद की ही तरह मरदह भी मऊ जिले का सरहदी थाना है। फिर हाईवे पर है और कासिमाबाद की ही तरह जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र का भी हिस्सा है।

 

 

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