परिषदीय विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई में गाजीपुर बेहतर

गाजीपुर। परिषदीय विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई के मामले में गाजीपुर की स्थिति अपेक्षाकृत काफी बेहतर है। बेसिक शिक्षा विभाग की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए ज्यादा से ज्यादा पहुंचने की कोशिश काफी हद तक सफल कही जा सकती है। मालूम हो कि कोविड-19 के चलते परिषदीय विद्यालयों में कक्षाओं का संचालन बंद है।
ऑनलाइन पढ़ाई में प्रदेश स्तर पर आई रिपोर्ट में भी गाजीपुर की स्थिति उत्साहजनक है। रिपोर्ट में बताया गया है कि विभाग का दीक्षा एप के जरिये प्रदेश के मात्र 11 प्रतिशत बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं जबकि बीएसए गाजीपुर श्रवण कुमार का दावा है कि गाजीपुर में जहां शत-प्रतिशत शिक्षक वहीं 40 प्रतिशत बच्चे दीक्षा एप डाउन लोड किए हैं। दीक्षा ऐप के जरिए बच्चों को रोचक वीडियो व ई कंटेंट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रदेश के कई जिले तो ऐसे हैं जहां एक भी बच्चे ने दीक्षा एप डाउनलोड नहीं किए हैं। जाहिर है कि वहां की प्रगति शून्य है।
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हालांकि गाजीपुर में गरीबी रेखा के नीचे के परिवारों के बच्चों के लिए स्मार्टफोन दुर्लभ है। उस दशा में उनके लिए ऑनलाइन पढ़ाई की बात बेमानी है। तब तय है कि वह बच्चे पढ़ाई से दूर हो गए हैं लेकिन इस बात को बीएसए गाजीपुर खारिज करते हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षकों ने उन बच्चों के लिए गली-मुहल्लों में कक्षाएं संचालित कर रहे हैं। इस क्रम में बीएसए ने बताया कि दीक्षा एप के अलावा शिक्षकों ने व्हाट्सअप ग्रुप बनाकर बच्चों के पैरेंट्स को जोड़ा है और उसके जरिये वह बच्चों को पाठ्य सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं। फिर दूरदर्शन और रेडियो से भी बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
दीक्षा एप में लखनऊ अव्वल
विभागीय सूत्रों ने प्रदेश की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि दीक्षा एप से ऑनलाइन पढ़ाई में लखनऊ सबसे आगे है। वहां 84 प्रतिशत बच्चे दीक्षा ऐप डाउनलोड किए हैं जबकि गाजियाबाद 31 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर हैं। वाराणसी व कानपुर तीसरे स्थान पर हैं वहां 26 प्रतिशत बच्चे दीक्षा एप डाउनलोड कर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। भदोही, प्रयागराज, बहराइच, श्रावस्ती, शामली, गौतमबुद्ध नगर, लखीमपुर खीरी व रायबरेली में मात्र एक प्रतिशत बच्चों ने दीक्षा एप डाउनलोड किया है। इसके लिए विभाग के महानिदेशक विजय किरन आनंद ने उन जिलों के बीएसए से जवाब भी तलब किया है।