ताजपुर डेहमा रेलवे स्टेशन को अब हॉल्ट का दर्जा!

गाजीपुर। ब्रितानी हुकूमत ने गाजीपुर के ताजपुर डेहमा में रेलवे स्टेशन बनाया था लेकिन अब मोदी के राज में इसकी हैसियत कुछ खास नहीं है। शायद यही वजह है कि रेलवे प्रशासन ने इसे अब हॉल्ट बनाने का फैसला किया है।
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इस फैसले की पुष्टि वाराणसी रेल मंडल के पीआरओ अशोक कुमार ने भी की। उधर इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है। बीते शुक्रवार को क्षेत्रीय ग्रामीणों ने ताजपुर डेहमा रेलवे स्टेशन पर अनशन, प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया था। उनका कहना था कि यह क्षेत्र के साथ सरासर बेइंसाफी है। अगर सरकार ताजपुर डेहमा का उच्चीकरण नहीं कर सकती तो यथा स्थिति बनाए रख सकती है। अगल बगल के स्टेशनों से ताजपुर-डेहमा स्टेशन का लोड फैक्टर भी कम नहीं है। मौके पर पहुंचे आरपीएफ इंसपेक्टर उदय राज की पहल पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मुख्य वाणिज्य निरीक्षक पशुपतिनाथ मिश्र के आश्वासन पर अनशन, प्रदर्शन खत्म हुआ।

औड़िहार-छपरा रेल मार्ग पर ताजपुर-डेहमा के साथ ही बलिया जिले के सागरपाली तथा रेवती स्टेशन को भी हॉल्ट बनाने का फैसला हुआ है। ताजपुर-डेहमा स्टेशन पर किसी भी एक्सप्रेस ट्रेन का नियमित ठहराव नहीं होता है लेकिन रेवती में उत्सर्ग एक्सप्रेस का नियमित ठहराव है।
…तब स्टेशन से हटेगा स्टाफ
जाहिर है कि हॉल्ट बनने के बाद इन स्टेशनों पर तैनात स्टाफ हटा लिए जाएंगें। हॉल्ट पर रेलवे का कोई नियमित कर्मचारी नहीं रहता। हॉल्ट की खिड़की पर टिकट बिक्री का काम भी निजी क्षेत्र को सौप दिया जाता है। ताजपुर-डेहमा में स्टेशन के कारण फिलवक्त स्टेशन मास्टर सहित पर्याप्त संख्या में कर्मचारी तैनात हैं। उनके लिए वहां आवासीय और अन्य जरुरी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। यह भी कि जंग-ए-आजादी के इतिहास में ताजपुर-डेहमा स्टेशन दर्ज है। उस जंग के योद्धाओं ने वहां तोड़फोड़ की थी।