डॉ.आजम कादरी कुनबे के और दस असलहे जब्त, दोबारा कार्रवाई को लेकर पुलिस पर सवाल

गाजीपुर। शहर के बरबरहना मुहल्ले के मशहूर डॉ.आजम कादरी के कुनबे पर पुलिस ने दोबारा करारी चोट की है। कुनबे के और दस असलहे जब्त कर उनके लाइसेंस निलंबित करा दी है। यह कार्रवाई भी बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के गैंग के करीबी होने के आरोप में ही हुई है। इसके साथ ही एक ही कुनबे पर एक ही तरह की दोबारा कार्रवाई को लेकर पुलिस पर सवाल भी उठ रहे हैं।
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दोबारा कार्रवाई शनिवार को हुई। उसमें कुल जब्त दस असलहों में छह पिस्टल, तीन राइफल तथा एक बंदूक है। इनके लाइसेंस कुनबे के मुखिया डॉ.आजम कादरी के अलावा उनकी पत्नी निगार बेगम, बेटे मोहसीन सिद्दीकी, शादाब सिद्दीकी तथा साकिब सिद्दीकी के अलावा छोटे भाई साजिद सिद्दीकी तथा भवह कैसर जहां के नाम पर बने थे।
मालूम हो कि पहली कार्रवाई बीते 30 सिंतबर को हुई थी। आरोप भी यही था। मुख्तार गैंग से ताल्लुकात का। उस कार्रवाई में दो राइफल तथा पांच बंदूकें जब्त हुई थीं और उनके लाइसेंस निलंबित किए गए थे। वह लाइसेंस भी कुनबे के मुखिया डॉ.आजम कादरी और उनके बेटे रिजवान अली, मुहम्मद अली, मोहसिन सिद्दीकी तथा शादाब सिद्दीकी तथा भाई जाहिद के नाम के थे।

सवाल है कि कुनबे के कुल सात असलहों के इतिहास-भूगोल खंगाल कर जब पहली कार्रवाई पुलिस की थी तब कुनबे के शेष दस असलहों और लाइसेंस पर उसकी नजर क्यों नहीं पड़ी थी। क्या पुलिस जानबूझ कर उन्हें नजरअंदाज की थी। अगर ऐसा था तो दोबारा कार्रवाई की नौबत आई क्यों। क्या महकमे के ऊपर के अधिकारियों को उस ‘मैनेजमेंट’ की भनक मिल गई और उन्होंने चांप चढ़ाई। तब नीचे वाले दोबारा सिद्दीकी कुनबे के घर बरबरहना जाने को मजबूर हुए। यह कुनबा शम्मे गौसिया मेडिकल कॉलेज, पैरा मेडिकल कॉलेज सहित कई व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का मालिक है। इनकी वजह से कुनबे का काफी रसूख है और सियासी हलके में भी कुनबे की खासी पकड़ है। सूबे की पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार के एक मंत्री से गहरे ताल्लुकात हो गए थे। कुनबे के मशवरे पर खुद मंत्रीजी आज एक लंबे-चौड़े कैंपस के मेडिकल कॉलेज के मालिक बने भए हैं। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के गैंग से इस कुनबे का ताल्लुकात कब से और कैसा है। इसका जवाब कुनबे को करीब से जानने वालों के पास भी नहीं है। हां! यह उन लोगों को पता है कि मुख्तार के बड़े भाई सांसद अफजाल अंसारी के चुनाव अभियान में उनके छोटे-बड़े कुछ कार्यक्रमों की मेजबानी सिद्दीकी कुनबे ने की थी और उसके सूत्रधार थे एक हममजहबी व्यापारी नेता।