ग्राम प्रधानों की सुस्ती से स्कूलों के ऑपरेशन कायाकल्प की उपलब्धि निराशजनक

गाजीपुर। परिषदीय विद्यालयों में ऑपरेशन कायाकल्प की उपलब्धि काफी निराशजनक है। बेसिक शिक्षा विभाग इसके लिए ग्राम प्रधानों की उदासीनता को जिम्मेदार ठहरा रहा है। गाजीपुर की उपलब्धि देखी जाए तो मात्र 21.5 फीसद है।
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प्रदेश सरकार परिषदीय विद्यालयों में ऑपरेशन कायाकल्प शुरू करा कर खूब ढिंढोरा पीटी थी मगर ग्राम प्रधानों ने इसका पलिता लगा दिया है।
गाजीपुर में कुल 2750 परिषदीय विद्यालयों में मात्र 359 का कायाकल्प हो चुका है जबकि 195 में काम जारी है। शेष विद्यालय जस के तस हैं।
हालांकि ग्राम प्रधान खुद पर उदासीनता के आरोप को सिरे से खारिज करते हैं। ग्राम प्रधान संघ के जिलाध्यक्ष भयंकर सिंह यादव कहते हैं- अव्वल तो तीन जुलाई से शासन का फोकस ग्राम पंचायतों में शौचालय और ग्राम पंचायत भवनों पर हो गया। जाहिर है ऑपरेशन कायाकल्प पीछे छूट गया। उसके पहले ऑपरेशन कायाकल्प में धन की कमी आड़े आई। कहीं हुए कार्यों का भुगतान रुक गया। श्री यादव ने बताया कि इसके लिए वह डीएम से मिले थे। डीएम ने भरोसा दिया था कि भुगतान की व्यवस्था शीघ्र होगी।
उधर बीएसए श्रवण कुमार भी ऑपरेशन कायाकल्प में ग्राम प्रधानों की व्यवहारिक दिक्कतों की बात कबूलते हैं। उन्होंने बताया कि ऑ़परेशन कायाकल्प के लिए 14वें वित्त आयोग के अलावा राज्य वित्त आयोग तथा ग्राम पंचायत की निधि का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

यह हैं कायाकल्प के मानक
परिषदीय विद्यालयों में ऑपरेशन कायाकल्प के तहत चहारदीवारी, ब्लैक बोर्ड, खेल मैदान, भवनों का रंगरोगन, शौचालय-मूत्रालय, फर्नीचर, पेयजल, कक्षों के पक्के फर्श, विद्युतीकरण, जल निकासी की समुचित व्यवस्था, किचन शेड आदि के कार्य प्रस्तावित हैं।