ग्राम पंचायतें करेंगी अपने सरकारी भवनों के बकाए बिजली बिल का भुगतान

गाजीपुर। ग्राम पंचायतों पर उनके सरकारी भवनो के बकाए बिजली बिल के भुगतान की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। यह भुगतान 14वें वित्त आयोग के मद से होगा। गाजीपुर में ग्राम पंचायतों पर बिजली विभाग की करीब 22 करोड़ रुपये की देनदारी है। गाजीपुर में कुल 1237 ग्राम पंचायतें हैं।
जहां पंचायत भवन के अलावा परिषदीय विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, पानी टंकी वगैरह के भवन हैं। यह सभी विद्युत से आच्छादित हैं। यह सभी भवन ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित किए जा चुके हैं। लिहाजा उनके बिजली बिल के भुगतान की जिम्मेदारी भी ग्राम पंचायतों की ही मानी जा रही है लेकिन इस मामले में गाजीपुर की ग्राम पंचायतें उदासीन बनी हुई हैं।
इस मामले में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक के बालाजी ने सीधे हस्तक्षेप किया है। उन्होंने ग्राम प्रधान संघ के जिलाध्यक्ष भयंकर सिंह यादव तथा ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष सूर्यभान राय से बीते गुरुवार को फोन पर बात की। बकौल सूर्यभान राय, प्रबंध निदेशक ने ग्राम पंचायतों पर बढ़ते बिजली बिल के बकाए का जिक्र करते हुए शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करने को कहा। उस बातचीत के क्रम में उनसे आग्रह किया गया कि विद्युत विभाग हर माह नियमित रूप से बिल की उपलब्धता की व्यवस्था करें।
यह भी पढ़ें— पुलिसिया जुल्म की एक और कहानी
प्रबंध निदेशक से वार्ता के बाद ग्राम प्रधान संघ व ग्राम पंचायत अधिकारी संघ का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल शनिवार को विद्युत वितरण खंड के अधीक्षण अभियंता विजय राज सिंह से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने आग्रह किया कि ग्राम पंचायतों में सरकारी भवनों के बिजली कनेक्शन और उनके ब्यौरे उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही पिछले माह के बकाए बिल ग्राम पंचायतों को भेजे जाएं। ताकि उनके भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जा सके। उसके पहले के बिजली बिल भुगतान लंबित रखे जाएं और ब्लाक मुख्यालयों पर विभाग कैंप लगाकर इच्छुक ग्राम पंचायतों को वैध कनेक्शन की कार्यवाही पूरी करने का मौका दिया जाए। प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि पिछले माह से पहले के लंबित बिजली बिल के निस्तारण के लिए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक से आग्रह किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में सूर्यभान राय, भयंकर सिंह यादव के अलावा ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के संप्रेक्षक कंचन कुमार जायसवाल आदि थे।

उधर ‘आजकल समाचार’ ने विद्युत वितरण खंड के अधीक्षण अभियंता विजय राज सिंह से इस सिलसिले में संपर्क किया। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2018 में परिषदीय स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र तथा पानी टंकी भवन ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित किए जा चुके हैं। तब से उनके बिजली बिल लंबित हैं।
गाजीपुर को मौडल बनाना चाहते हैं प्रबंध निदेशक
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के दायरे में आने वाले गाजीपुर सहित सभी जिलों की ग्राम पंचायतों के बिजली बिल लंबित हैं लेकिन निगम के प्रबंध निदेशक के बालाजी चाहते हैं कि इस मामले में गाजीपुर रोल मॉडल बने और यह तभी संभव होगा जब गाजीपुर की ग्राम पंचायतें अपने बकाए बिजली बिल भुगतान के लिए आगे आएंगी। मालूम हो कि के बालाजी निगम का प्रबंध निदेशक बनने से पहले गाजीपुर के डीएम रहे हैं।