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कृषि विधेयक का विरोध, कम्युनिस्ट और कांग्रेसियों को पुलिस ने स्टेशन रोड पर रोका, कलेक्ट्रेट पर सपाइयों ने सौंपा ज्ञापन

गाजीपुर। मोदी सरकार के कृषि विधेयक के विरुद्ध शुक्रवार को गाजीपुर में भी विपक्षी दलों की एकजुटता दिखी लेकिन पहले से अलर्ट प्रशासन ने उन्हें सड़क पर उतरने नहीं दिया। अलबत्ता, विपक्षी दलों ने ज्ञापन सौंप अपना विरोध जताया।

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भाकपा के स्टेशन रोड स्थित कार्यालय भारद्वाज भवन में पार्टी के अलावा कांग्रेसीजन जुटे। कुछ देर बाद कलेक्ट्रेट के लिए निकले लेकिन भारद्वाज भवन के बाहर पहले से मौजूद पुलिस बल ने उन्हें रोक दिया। कुछ देर बाद सदर एसडीएम प्रभास कुमार मौके पर पहुंचे और उनका ज्ञापन लिए। ज्ञापन देने वालों में पूर्व विधायक राजेंद्र यादव, भाकपा माले के जिला सचिव रामप्यारे, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनील कुमार आदि थे।

उधर कलेक्ट्रेट स्थित समता भवन में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता जुटे। इस मौके पर पार्टी जिलाध्यक्ष रामधारी यादव ने कहा कि मोदी सरकार के बिल को किसान एवं श्रमिक विरोधी बताते हुए इसे तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की। कहे कि कृषि एवं श्रमिक विधेयक किसानों एवं श्रमिकों के हितों की अनदेखी करने वाला है। कृषि विधेयक से किसान अपनी भूमि का मालिक न होकर मजदूर हो जाएगा। कृषि उत्पादन मंडी की समाप्ति और विधेयक में न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित न होने से किसान कौड़ी के भाव अपनी उपज बेचने को बाध्य होंगे। उनका कहना था कि आज गेहूं, धान की फसल को आवश्यक वस्तु की सूची से हटाए जाने से किसान को बड़े आढ़तियों और व्यापारिक घरानों की शर्तों पर अपनी उपज बेचना मजबूरी हो जाएगी।

श्री यादव ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों का अहित नहीं होने देगी। मोदी सरकार का श्रमिक कानून भी अहितकर है। अभी तक 100 कर्मचारियों वाली औद्योगिक इकाइयों को बिना सरकारी अनुमति श्रमिकों की छंटनी का अधिकार नहीं था लेकिन नए श्रम कानून में 300 कर्मचारियों वाली औद्योगिक इकाइयों को भी बिना सरकारी इजाजत छंटनी का अधिकार मिल गया है। इससे श्रमिकों में असुरक्षा की भावना बढ़ेगी और वह अपनी जायज मांगों को भी नहीं उठा पाएंगे। नतीजा श्रमिक  उद्योगपतियों के बंधुआ मजदूर बनकर रह जाएंगे।

इस मौके पर राजेश कुशवाहा, निजामुद्दीन खां, अशोक बिंद, कन्हैया लाल विश्वकर्मा, अरुण कुमार श्रीवास्तव, सदानंद यादव, डॉ. समीर सिंह, सत्येंद्र यादव सत्या, अरविंद सिंह यादव, दिनेश यादव, आमिर अली, तहसीन अहमद, राजेंद्र यादव, अनिल यादव, जयहिंद यादव, केशव यादव, आत्मा यादव, अतीक अहमद राईनी, विनोद पाल, अमित सिंह लालू,  सिकंदर कनौजिया, रविंदर यादव, दिनेश यादव, गोपाल यादव, राम नगीना यादव, सुखपाल यादव, हरवंश यादव, द्वारिका यादव, अभिनव सिंह, राज किशोर सिंह, रामाशीष यादव, जगत मोहन बिंद, चौथी यादव, विनोद यादव, आजाद राय, विभा पाल, रीना यादव, ओम प्रकाश यादव, राकेश यादव आदि थे।

उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सदर एसडीएम को सौंपा गया। उसी क्रम में किसान सभा के विजय बहादुर सिंह ने भी एसडीएम सदर को ज्ञापन दिया।

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