कानपुर कांड को लेकर समाजवादी योगी सरकार पर हमलावर

गाजीपुर। कानपुर में अपराधियों संग मुठभेड़ में आठ पुलिस कर्मियों की शहादत योगी सरकार पर जुबानी हमला करने का समाजवादी पार्टी को भी बड़ा मौका मिल गया है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व समूह सहित सभी योगी सरकार के खिलाफ मुखर हो गए हैं। उनका कहना है कि इस घटना ने पूरी तरह साबित कर दिया कि प्रदेश में कानून का राज खत्म हो चुका है और अपराधी बेलगाम हो गए हैं। आमजन क्या पुलिस कर्मी भी सुरक्षित नहीं रह गए हैं। पार्टीजनों ने शहीद पुलिस कर्मियों के प्रति संवेदना जताते हुए उनके आश्रितों को आर्थिक मदद के रूप में कम से कम एक करोड़ रुपये देने की भी मांग की है।
पार्टी विधायक डॉ. बिरेंद्र यादव ने ट्विट कर कहा कि योगी राज में अपराधियों के हौसले इस कदर बड़ गए हैं कि कानपुर में डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिस कर्मियों का वह संहार कर दिए। उन्होंने शहीद पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि भी दी है। पार्टी के नेता डॉ. समीर सिंह ने भी फेसबुक पर पोस्ट करते हुए कहा कि प्रदेश में अब पुलिस भी सुरक्षित नहीं है। कानपुर की घटना पूरे देश को हिला कर रख दी है। मीडिया में खुद को काबिल होने का दावा करने वाली योगी सरकार असल में फिसड्डी है। डॉ. सिंह ने भी शहीद पुलिस कर्मियों के आश्रितों को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की है।
उधर समता भवन में पार्टी की बैठक में जिलाध्यक्ष रामधारी यादव ने प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में जंगलराज कायम है। चारों तरफ अराजकता का माहौल है। कानपुर की घटना सत्ता और अपराधियों के गठजोड़ का परिणाम है। उन्होंने कहा कि अपराधियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है। सत्ता के संरक्षण के चलते अपराधियों का हौसले बुलंद हैं। बैठक के अंत में दो मिनट का मौन रखकर शहीद पुलिस कर्मियों की आत्मा की शांति एवं परिजनों को धैर्य प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। बैठक में निजामुद्दीन खां, मन्नू सिंह, अरुण कुमार श्रीवास्तव, सदानंद यादव, तहसीन अहमद, परशुराम बिंद, सिकंदर कनौजिया, आदित्य यादव, कमलेश यादव भानू, यशपाल यादव, दिनेश यादव, अजीत कुमार, रामाशीष, अनिल यादव, प्रभाकर सिंह, संजीत कुशवाहा, संजय कुशवाहा, लड्डन खां, रमेश यादव आदि थे।