कलम के सिपाही को गोली से छलनी करने की साजिश! मंदिर के पुजारी ने रची थी योजना, पुजारी सहित दो गिरफ्तार

सीतापुर । जिस कलम से समाज की सच्चाई लिखी जाती है, उसी के सिपाही को गोलियों से भून दिया गया।
8 मार्च को दोपहर साढ़े तीन बजे, महोली निवासी वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की हेमपुर ओवरब्रिज पर चार गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। यह वारदात न केवल एक जानलेवा हमला थी, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को सीधी चुनौती भी थी।
पूरे जिले में दहशत, लेकिन पुलिस ने नहीं छोड़ी उम्मीद
दिनदहाड़े हुई इस निर्मम हत्या के बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी। पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र और एएसपी डॉ. प्रवीण रंजन सिंह की अगुवाई में 36 से अधिक टीमें जांच में लगाई गईं। क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर सत्येंद्र विक्रम सिंह के नेतृत्व में विशेष टीमें बनाई गईं।
तकनीक और मेहनत से टूटी साजिश की परतें
34 दिन की थकाऊ और गहन जांच में पुलिस ने 1000 से ज्यादा मोबाइल नंबर ट्रैक किए, 125 संदिग्धों से पूछताछ की और 250 सीसीटीवी फुटेज खंगाले। आखिरकार तकनीकी साक्ष्य और मुखबिर तंत्र के माध्यम से पुलिस साजिश तक पहुंचने में कामयाब रही।
हत्या की साजिश मंदिर के अंदर से निकली!
इस कांड का मास्टरमाइंड कोई गैंगस्टर या बाहुबली नहीं, बल्कि कारेदेव बाबा मंदिर का पुजारी निकला। उसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर इस हत्या की साजिश रची थी। पुलिस ने इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन दो शूटर अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश एसटीएफ और क्राइम ब्रांच की 10 टीमों द्वारा जारी है।
पत्रकारों के हौसले तोड़ने की कोशिश कभी कामयाब नहीं होगी
गिरफ्तार आरोपियों से मिले सुराग के आधार पर पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही दोनों शूटर भी सलाखों के पीछे होंगे।
यह मामला सिर्फ एक पत्रकार की हत्या नहीं, बल्कि सच को दबाने की साजिश है। लेकिन देश का पत्रकार कभी झुका है, न झुकेगा।