एमएलसी चुनावः भाजपा का टिकट और न समर्थन मांगेंगे चेतनारायण सिंह, मैदान में फिर उतरेंगे निर्दल

गाजीपुर (सुजीत सिंह प्रिंस)। निवर्तमान शिक्षक एमएलसी चेतनारायण सिंह अपना नामांकन अंतिम दौर में करेंगे। निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम के मुताबिक नामांकन का काम 12 नवंबर तक होगा। श्री सिंह इस बार भी निर्दल ही चुनाव लड़ेंगे।
‘आजकल समाचार’ से बातचीत में निवर्तमान शिक्षक एमएलसी ने साफ कहा कि न तो टिकट के लिए भाजपा से आवेदन करेंगे और न उसका समर्थन ही वह मांगेंगे। हां! यह जरूर है कि वह चुनाव लड़ेंगे और पूर्व की तरह अपनी स्वंय की अगुवाई वाले संगठन के उम्मीदवार रहेंगे। एक सवाल पर उन्होंने बताया कि दस अथवा 11 नवंबर को वह अपना नामांकन करेंगे।
मालूम हो कि इस बार भाजपा शिक्षक एमएलसी चुनाव में सीधी हिस्सेदारी का एलान पहले ही कर चुकी है। उम्मीदवार के सवाल पर भाजपा जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने कहा कि पार्टी उम्मीदवार की घोषणा फिलहाल नहीं हुई है। पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर गाजीपुर के पार्टीजन चुनाव में अपनी भूमिका तय करेंगे।
यह भी पढ़ें–कोरोना के बीच चुनावी बिगुल
उधर निवर्तमान शिक्षक एमएलसी चेतनारायण सिंह ने कहा कि भाजपा नेतृत्व चुनाव में उन्हें समर्थन का निर्णय ले चुका है। उनकी इस बात में इस लिए भी दम है कि वह पहले राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से सक्रियता के साथ जुड़े रहे हैं। उनको पहले से जानने वाले तो यहां तक बताते हैं कि वाराणसी के यूपी कॉलेज में वह संघ की शाखा तक लगवाते थे और उनके परिवार के लोग आज भी संघ से जुड़े हैं। फिर शिक्षक एमएलसी बनने के बाद कई ऐसे मौके आए जब वह बेहिचक भाजपा संग मंच भी साझा किए।
भाजपा के लोगों की मानी जाए तो पार्टी में कई बड़े नेताओं की भी चेतनारायण सिंह पसंद हैं। उनमें जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय, पूर्व एमएलसी शिवनाथ यादव वगैरह शामिल हैं। चेतनारायण सिंह का यह पांचवां चुनाव होगा। शुरू के दो चुनाव वह हारे और बाद के दो चुनाव में वह जीत दर्ज कराए। शिक्षक राजनीति के लिहाज से देखा जाए तो वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र में माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के अभेद किले को ढहाने का श्रेय चेतनारायण सिंह को ही जाता है। बल्कि शर्मा गुट के सामानांतर वह गाजीपुर समेत अन्य जिलों में अपना मजबूत संगठन खड़ा कर चुके हैं और कोई हैरानी नहीं कि इस बार भी चुनाव में वह शर्मा गुट के सामने बड़ी चुनौती के रूप में सामने होंगे।