इधर ग्राम प्रधानों ने भरी हुुंकार, उधर डीपीआरओ के निलंबन का आदेश

गाजीपुर। डीपीआरओ के खिलाफ ग्राम प्रधानों के जंग की गूंज सोमवार को शासन तक पहुंची। कुछ ही देर में डीपीआरओ अनिल कुमार सिंह के निलंबन का आदेश भी आ गया।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार ग्राम प्रधान डीपीआरओ के खिलाफ विकास भवन में सुबह धरने पर बैठ गए। वह ऐलान किए कि उनकी यह लड़ाई आर-पार की है। धरने के वक्त डीपीआरओ अनिल कुमार सिंह अपने दफ्तर से नदारद रहे। ग्राम प्रधान संघ के आह्वान पर जिले भर से ग्राम प्रधान धरने में जुटे थे। धरने के बाद डीएम को संबोधित 12 सूत्री ज्ञापन एएसडीएम मंशाराम वर्मा को सौंपा गया।
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धरने में ग्राम प्रधानों ने एक स्वर से डीपीआरओ पर मनमानी, भ्रष्टाचार, बदजुबानी और नाहक उत्पीड़न का आरोप लगाया। उनका कहना था कि डीपीआरओ के इस कृत्य से न सिर्फ ग्राम प्रधान मानसिक यातना, अपमान झेल रहे हैं बल्कि ग्राम पंचायतों के काम काज भी बाधित हो रहे हैं। आलम यह है कि स्वच्छता मिशन में बने शौचालयों और अन्य विकास कार्यों की बार-बार जांच करा रहे हैं। इसके पीछे कार्यों की गुणवत्ता नहीं सिर्फ ग्राम प्रधानो का आर्थिक शोषण है। उनका कहना था कि विद्यालयों में हुए कायाकल्प में लगी सामग्री, मजदूरी का भुगतान आज तक लंबित हैं। इसका खामियाजा ग्राम प्रधान भुगत रहे है। इस मौके पर ग्राम प्रधानों ने कोरोना किट की खरीद में भी घोटाले का डीपीआरओ पर सीधा आरोप लगाया।
इस मौके पर ग्राम प्रधान डीपीआरओ के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब वह डीपीआरओ को हटवा कर ही दम लेंगे। कहे कि अब उनका यह धरना ब्लाक मुख्यालयों पर मांगें पूरी होने तक चलता रहेगा। धरने की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष भयंकर सिंह यादव तथा संचालन आकाश राजभर ने किया। धरने में शशिकांत शर्मा, संजय राय मंटू, सुरेंद्र सिंह चंचल, दीपक सिंह, हरेंद्र विश्वकर्मा, मुन्ना राजभर आदि बोले।
धरने के कारण विकास भवन में गहमा गहमी का माहौल रहा। ज्यादातर अधिकारी अपने दफ्तर न आने में ही अपनी भलाई समझे। यहां तक कि खुद डीपीआरओ और उनके मातहत अधिकारी भी नदारद रहे। बाद में ग्राम प्रधानों ने एएसडीएम को ज्ञापन सौंपे।

…और कुछ ही देर बाद डीपीआरओ के निलंबन का आया आदेश
धरने के बाद ग्राम प्रधान अपने घरों को लौटे ही थे कि डीपीआरओ अनिल कुमार का निलंबन का आदेश जिला मुख्यालय पर आ गया। विभागीय अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। आदेश के मुताबिक यह कार्रवाई कोरोना किट की खरीद में अनियमितता के आरोप में हुई है। अनिल कुमार सिंह को विभाग के उपनिदेशक वाराणसी के कार्यालय में अटैच किया गया है। साथ ही उन पर लगे आरोपों की जांच की जिम्मेदारी उपनिदेशक अयोध्या मंडल को सौंपी गई है। निलंबन की कार्रवाई का स्वागत करते हुए प्रधान प्रतिनिधि संजय राय मंटू ने कहा कि यह ग्राम प्रधानों की एकजुटता का परिणाम है।