अय्याशी में हुई सूकर व्यवसायी की हत्या!

गाजीपुर। नंदगंज थानांतर्गत रजादी गांव से बाहर नहर के पास हत्या कर फेंके गए सूकर व्यवसायी चंद्रदेव वनवासी (35) के शव के मामले का राजफास पुलिस ने कर दिया। इस वारदात को अंजाम देने वाली महिला मीना देवी और उसके बेटे राहुल उर्फ राज को मंगलवार की सुबह तलवल मोड़ से गिरफ्तार भी कर लिया गया। दोनों ने अपना जुर्म भी कबूल लिया है। वह रजादी गांव के रहने वाले हैं।
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पुलिस के मुताबिक मां-बेटे गिरफ्त से बचने की गरज में कहीं भागने के फिराक में थे। उसी बीच बजरिये मुखबिर सूचना मिली कि वह दोनों तलवल मोड़ पर मौजूद है। उसके बाद पुलिस टीम वहां पहुंची और उन्हें धर दबोची। पुलिस के अनुसार चंद्रदेव वनवासी रविवार की रात मीना देवी के घर में घुसा था और वापसी में मीना देवी व उसके बेटे की नजर उस पर पड़ गई। टोकने पर वह भागने लगा। तब वह उसे दौड़ाकर पकड़े। फिर घर में लाकर लाठी के प्रहार से उसे मौत की नींद सुला दिए। उसके बाद शव को घसीट कर कुछ दूर पक्की सड़क पर उसे फेंकना चाहे लेकिन कुछ ग्रामीणों के टोकने पर वह शव को दोबारा घसीटते हुए अपने घर की ओर ले गए और कुछ पहले ही शव को फेंक कर अपने घर लौट गए। सोमवार की सुबह मौके पर पहुंची पुलिस को एक ग्रामीण से पूरे घटनाक्रम की जानकारी मिल गई।

चंद्रदेव की हत्या का कारण पुलिस भले फिलहाल मीना देवी के घर में घुसना फिर भागना बता रही है लेकिन यह कहानी गांव वालों के गले नहीं उतर रही है। उनका कहना है कि चंद्रदेव का मीना देवी के घर प्राय: आना-जाना था। वह अय्याशी के लिए आता था और उसकी मौत का कारण भी यही हो सकता है। हालांकि एएसपी सीटी गोपीनाथ सोनी से इस मसले पर चर्चा की गई तो उनका कहना था कि अभी इस मामले में अन्य बिंदुओं पर भी जांच की जा रही है। लिहाजा इसमे कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। चंद्रदेव वनवासी शहर कोतवाली के मनुआपुर (चक अब्दुल वहाब) का रहने वाला था और घटना के दिन दोपहर में व्यवसाय के सिलसिले में कहीं जाने की बात कह घर से निकला था।