अदने दारोगा के लिए भाजपा नेताओं को अपने कार्यकर्ता संग दुर्व्यवहार की भी परवाह नहीं

गाजीपुर। भाजपा नेताओं का भी जवाब नहीं। सबका साथ-सबका विकास का नारा देने वाले यह नेता गैर की बात तो दूर अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के मान सम्मान की बात आती है तो इनके उलटने में भी देर नहीं लगती। ऐसा ही एक मामला करंडा क्षेत्र में सामने आया है। मजे की बात यह कि एक अदने नायब दारोगा की खैरख्वाही में समर्पित, कर्मठ कार्यकर्ता का मान सम्मान दाव पर लगा दिया गया।
कहानी की शूरुआत गुरुवार की शाम करंडा थाना कैंपस से हुई। जहां थाने के नायब दारोगा प्रमोद गुप्त भाजपा कार्यकर्ता हर्ष सिंह निवासी दीनापुर पर अकारण ही गालियों की बौछार शुरू कर दिए। यहां तक कि हर्ष पर थप्पड़ भी तान दिए। हर्ष का कसूर बस यही था कि वह अपने एक इलाकाई पत्रकार मित्र संग थाने पर चले गए थे। थाना कैंपस में खुद की बेइज्जती की शिकायत हर्ष ने अपने पार्टी के इलाकाई नेताओं से की लेकिन वह नेता उसे अनसुना कर दिए। आखिर में लाचार होकर हर्ष सिंह इस मामले से अपने स्वजातीय संगठन अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा युवा के नेताओं को अवगत कराए। हर्ष इस संगठन के जिला प्रचार मंत्री हैं। अपने संगठन के इस पदाधिकारी की थाने में सरेआम बेइज्जती क्षत्रिय महासभा युवा के नेताओं को गुस्से से भर दी। वह नेता हर्ष सिंह को लेकर सीधे थाने पर पहुंचे। नायब दारोगा प्रमोद गुप्त की नामौजूदगी में थाना इंचार्ज से उनकी शिकायत के साथ ही चेताए कि अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई तो वह लोग आंदोलन करने को बाध्य होंगे। युवा क्षत्रिय नेताओं के तेवर देख थाना इंचार्ज अपने मातहत के किए की माफी मांगते हुए कार्रवाई का भरोसा दिए।

उसी क्रम में नायब दारोगा प्रमोद गुप्त का हलका दो से बदल कर तीन कर दिया गया। नायब दारोगा के लिए यह कार्रवाई अपमान लगा और वह भाजपा में अपने स्वजातीय नेताओं के दरबार में पहुंच कर बिरादरी की रुआंसे स्वर में दुहाई दिए। उनका दुखड़ा सुन भाजपा के वह नेता यह भूल गए कि यह मामला उनकी पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता के अपमान का है। बल्कि उसके उलट उनकी खुद की बिरादरी का मोह फड़फड़ा उठा और अब खबर यही मिल रही है कि वह नेता स्वजातीय नायब दारोगा को पूर्व के हलके में तैनात करने के लिए दबाव बना रहे हैं।
यह किस्सा इलाकाई भाजपा कार्यकर्ताओं में चर्चा का विषय बना हुआ है। वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का कहना है कि स्थिति यही रही तो समर्पित युवा कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरेगा और यह पार्टी के हित में नहीं होगा।