अति प्राचीन रामलीलाः कमेटी तैयार, डीएम की अनुमति का इंतजार

गाजीपुर। नगर की अति प्राचीन रामलीला हरिशंकरी का मंचन होगा या नहीं। कमेटी ने इसके निर्णय की जिम्मेदारी डीएम पर छोड़ दी है। डीएम कमेटी के पदेन संरक्षक भी हैं। कमेटी अपने स्तर से रामलीला मंचन की तैयारी कर चुकी है।
कमेटी की ओर से शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता में मंत्री ओमप्रकाश तिवारी बच्चा ने यह जानकारी दी। दावा किए कि तैयारी लगभग इस स्तर पर कर ली गई है कि डीएम की अल्पकालिक सूचना पर ही रामलीला का मंचन शुरू हो जाएगा। यहां तक कि रामलीला मंचन करने वाले कलाकारों की मंडली भी बुला ली गई है।
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एक सवाल पर कमेटी के मंत्री ने कहा कि हरिशंकरी में लगभग 450 वर्ष से अनवरत रामलीला हो रही है। उस स्थिति में शासन की कोविड-19 के लिए जारी गाइड लाइन के तहत प्रतीकात्मक रामलीला की औपचारिकता पूरी की जाएगी।
कमेटी अतिक्रमण पर कार्रवाई से नाखुश
लंका मैदान के पश्चिमी हिस्से में हुए अतिक्रमण को लेकर प्रशासन की कार्रवाई से अति प्राचीन रामलीला कमेटी, हरिशंकरी के लोग कतई संतुष्ट नहीं हैं। मंत्री बच्चा तिवारी ने कहा कि शिकायत पर प्रशासन ने अतिक्रमण स्थल पर हुए निर्माण को ढहाने का कोरम भर पूरा किया है जबकि पूर्व में तत्कालीन डीएम ओमप्रकाश आर्य के आदेश पर अतिक्रमित हिस्से में हुए निर्माण को जमींदोज कर दिया गया था मगर फिर मौका देख कर अतिक्रमण करने वाले अपनी वाली शुरू कर दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि उस हिस्से का मामला मंडलायुक्त कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट का आदेश है कि उस हिस्से में कोई नया निर्माण न किया जाए। उस आदेश की अनदेखी कर निर्माण कराया गया। इस संदर्भ में हुए एक सवाल पर श्री तिवारी ने कहा कि कमेटी के शहर के अन्य स्थलों पर हो रहे अतिक्रमण की शिकायतें संज्ञान में हैं। पहले उनकी पुष्टि के लिए उनके दस्तावेजी साक्ष्य जुटाए जाएंगे।

कमेटी एमएलसी चंचल की है आभारी
बच्चा तिवारी इस अवसर पर एमएलसी विशाल सिंह चंचल के लिए अपनी कमेटी की ओर से आभार जताना नहीं भूले। बताए कि एमएलसी की पहल पर लंका मैदान के गेट नंबर एक से मैरेज हॉल होते हुए दक्षिणी दीवार तक के रास्ते का इंटर लॉकिंग का काम हुआ। पूर्वांचल विकास निधि से एमएलसी ने कुल आठ लाख रुपये अवमुक्त कराए। उसकी कुल लंबाई 93 मीटर है। इसका लोकार्पण एमएलसी के ही हाथों कराया जाएगा।