अंसारी बंधुओं से मेरा दुराव नहीं: ओमप्रकाश राजभर

गाजीपुर। सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर इस बात को खारिज करते हैं कि उनका अंसारी बंधुओं से कोई दुराव है। एक प्रमुख अखबार की ऑनलाइन सेवा से हुई टेलिफोनिक बातचीत में श्री राजभर ने कहा- अंसारी बंधुओं की अगुवाई वाले कौमी एकता दल से उनका समझौता था लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले उन लोगों ने अपने दल का बसपा में विलय कर दिया तब मेरा उनसे सियासी साथ छूट गया। जाहिर है कि उनसे मेरी सियासी दूरी यही है कि आज अंसारी बंधु बसपा में हैं और मैं खुद अपनी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को और मजबूती देने में व्यस्त हूं।
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हालिया ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी से हुई अपनी मुलाकात और सियासी समझौते की चर्चा पर श्री राजभर ने कहा कि इसको लेकर भाजपा बेचैन हो गई है। सूबे की कम से कम 100 ऐसी विधानसभा सीटें हैं जहां उनका और ओवैसी का गठजोड़ भाजपा को करारी शिकस्त देने में कामयाब होगा। उनका कहना था कि ओवैसी का बड़ा कद है। अकलियत में उनका खासा असर है।
ओवैसी और उनके बीच हुए इस समझौते पर भाजपा नेताओं की टिप्पणियों की चर्चा पर श्री राजभर ने कहा कि यह भाजपा की बेचैनी का परिणाम है। भाजपा नेता यह क्यों भूल रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में सत्ता के लिए उनकी पार्टी महबूबा मुफ्ती से बेहिचक नाता जोड़ ली थी।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव के सवाल पर सुभासपा अध्यक्ष ने कहा कि वह भी उनके जन भागीदारी मंच से जुड़ने की वैचारिक सहमति दे चुके हैं। बताए कि जल्द ही वह दिल्ली में ओवैसी संग शिवपाल यादव की बैठक कराएंगे। उसके बाद जनवरी में लखनऊ में इसकी औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी।